स्वर कोकिला और भारत रत्न लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का रविवार सुबह निधन हो गया. वह स्वास्थ्य मे खराबी आने के बाद लंबे समय से मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं. उनके निधन के बाद पूरे देश भर में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है. मुंबई के शिवाजी पार्क में पूरे राजकीय सम्मान के साथ लता मंगेशकर को आखिरी विदाई दी गई. अपनी मधुर आवाज से पूरी दुनिया को दीवाना बनाने वाले लता जी (Lata Mangeshkar) क्रिकेट की बड़ी प्रशंशक रह चूकी है. क्रिकेट खेल से लता दी का एक अलग ही लगाव था. इसी कड़ी में आज हमको लता दी की कुछ ऐसी कहानी बतायेंगे, जिससे क्रिकेट के प्रति उनकी दीवानगी जाहिर होती है.
पाकिस्तान के खिलाफ जीत के लिए रखा था उपवास
साल 2011 वर्ल्ड कप (World cup 2011) के सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम (Team India) ने चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को 26 रनों से हराकर फाइनल में जगह पक्की की थी. और वानखेड़े मे खेले गए फाइनल मैच में श्रीलंका के खिलाफ 6 विकेट की एक शानदार जीत हासिल कर 28 सालों के बाद वर्ल्ड कप की ट्राफी पर कब्जा कर इतिहास रचा था. पकिस्तान के खिलाफ (IND vs PAK) उस मैच में लता दी (Lata Mangeshkar) के फेवरेट महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने मैच जीताव 85 रन बनाए थे . लता दी ने टीम इंडिया की जीत की कामना के लिए पूरे मैच के दौरान उपवास रखा था. मैच के बाद उन्होंने बताया था,
मैं पूरा मैच देख रही थी और काफी टेंशन मे थी. जब भारत खेल रहा होता है तो मेरे परिवार मे हर कोई टीम की जीत के लिए कुछ ना कुछ करता है. मैंने, मीना और ऊषा ने इस मैच के दौरान उपवास रखा और कुछ भी नहीं खाया.
लता दी के काफी पसंदीदा थे महेंद्र सिंह धोनी
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) टीम इंडिया के पूर्व महान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को काफी पसंद करती थी. लेकिन एक बार वो धोनी से थोड़ा नाराज भी हो गयी थी. दरअसल 2019 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली करीबी हार के बाद धोनी के क्रिकेट संन्यास की खबरे सामने आने लगी थी. जिसके बाद लता दी ने ट्विटर पर ट्वीट कर धोनी के लिए लिखा था,
प्रिय धोनी जी, मुझे आजकल सुनने मे आ रहा haie कि आप खेल से संन्यास लेना चाहते हैं. कृपया इसके बारे में सोचें भी नही. देश को आपकी और आपके योगदान की अभी काफी जरूरत है. कृपया खेल से संन्यास लेने का विचार भी अपने मन मे ना लाए.
हालांकि धोनी ने उसके 1 साल के बाद ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था